टर्निंग पॉइंट्स

एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा 'टर्निंग पॉइंट्स' 

पुस्तक सारांश

 

कलाम अपनी सफलताओं का श्रेय हमेशा अपने सीनियर्स को देते रहे। जब वह राष्ट्रपति भवन से विदा हुए तो उनके पास दो सूटकेस और 6 जोड़ी कपड़े थे किसी देश को ऐसा राष्ट्रपति सौभाग्य से ही मिलता है।

 

 

खेलने कूदने और पढ़ने की उम्र में एक बच्चा जब सुबह 4:00 बजे उठकर रेलवे स्टेशन से अखबार लाता है ताकि वह अपने परिवार की सहायता कर सके और भारत के राष्ट्रपति के पद तक पहुंच जाता है उसके जीवन में बहुत कुछ घटित होता है। कलाम का जीवन एक सहायक वैज्ञानिक के तौर पर शुरू हुआ और भारत के सफल और महत्वकांक्षी मिसाइल कार्यक्रम को कम से कम बजट में साकार करने से लेकर प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और राष्ट्रपति भवन तक का सफर चुनौतियों से भरा हुआ था। 

 

आज हम इस पुस्तक में से उन बातों की चर्चा करेंगे जिससे इस महान व्यक्ति की संवेदनशीलता का पता चलता है।

 बचपन में जब कलाम के पिता ग्रामसभा के अध्यक्ष चुने गए तो कोई उनके घर उपहार स्वरूप मिठाई और चांदी के बर्तन दे गया। कलाम के पिता घर पर नहीं थे। जब वापस लौटे तो बहुत क्रोधित हुए और इस बात पर कलाम की पहली और आखरी बार पिटाई भी हुई। 

 

उन्होंने कहा की उपहार लेना पाप है जब  उपहार लेकर आप एहसान तले दब जाते हैं और देने वाला व्यक्ति अवश्य कोई न कोई लाभ उठाएगा। कलाम ने जीवन भर इस सबक को याद रखा।

 

कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया गया तो शपथ ग्रहण समारोह में उनके परिवार के सदस्यों के अलावा उन्हें प्रेरणा देने वाले वैज्ञानिक और प्राइमरी के अपने अध्यापकों तथा अपनी गली के मंदिर के पुजारी और मस्जिद के इमाम  को आमंत्रित करना नहीं भूले।

 

 जब कलाम भारत के राष्ट्रपति बन चुके थे तब उनके भाई ने हज पर जाने का कार्यक्रम बनाया। सऊदी अरब में भारत के राजदूत ने उनके लिए प्रबंध करने की पेशकश की लेकिन कलाम ने इस प्रताप प्रस्ताव से इनकार करते हुए कहा कि वे एक साधारण हज यात्री की तरह ही जाएंगे और वहां रहेंगे। 

 

इसी प्रकार एक बार कलाम को पता चला की फील्ड मार्शल मानेकशॉ  विलिंगडन केअस्पताल में भर्ती हैं, तब वह कोयंबटूर में थे और अचानक उनसे मिलने पहुंच गए। मानेकशॉ को बहुत अच्छा लगा और उन्होंने कहा कि मैं तो कब का रिटायर हो चुका हूं और आप कैसे राष्ट्रपति हैं जो मुझसे मिलने आए हैं? 

 

जब कलाम को पता चला कि राजनीतिक कारणों से फील्ड मार्शल को पेंशन से वंचित कर दिया गया था। कलाम इससे बहुत आहत हुए वापस लौटकर उन्होंने तीनों सेना अध्यक्षों उनसे बात की तथा प्रधानमंत्री को भी इस बात से अवगत कराया। कुछ ही दिनों के भीतर राष्ट्रपति के विशेष दूत ने मानेकशा की बकाया पेंशन का चेक विनम्रता पूर्वक  भेंट किया और भविष्य के लिए उनकी पेंशन चालू कर दी गई।

 

ऐसा नहीं है की उनका असफलताओं से मुकाबला नहीं हुआ 11 जनवरी 1999 को भारत का एयरपोर्ट सर्वेलेंस प्लेटफार्म टेस्ट फ्लाइट के दौरान 5000 फीट की ऊंचाई से नीचे आ गिरा जिसमें एयर फोर्स के स्क्वाड्रन लीडर पी वेंकटरमन, इसरो के इंजीनियर और वैज्ञानिक तथा दो वायु सेना के अन्य अधिकारी थे।

 

 जैसे ही कलाम को दुर्घटना का पता चला वह सीधे उनके परिवारों से मिलने चले गए। लिखते हैं कि विलाप करती विधवाओं की याद पत्थर आए हुए माता पिता मेरी गोद में पड़ा हुआ निर्दोष नवजात शिशु का भूतों में रखें प्रतीकात्मक शव राष्ट्रपति भवन में बैठे हुए मुझे कचोटते हैं।

 

 कलाम ने राष्ट्रपति भवन को मुख्य मंत्रियों और सांसदों से जोड़ा और कई बार भारत के भविष्य को लेकर सरगर्म चर्चाएं की। कलाम एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे। कलाम जब भी किसी समूह को संबोधित करते थे तो उस विषय से संबंधित आंकड़े जुटाते, उनका विश्लेषण करते और तथ्यों के आधार पर ही बात करते थे।

 

कलाम ने सुखोई 30 की सवारी की, पनडुब्बी में यात्रा की, सियाचिन गए और जब जब भी मौका मिला सभी धर्मों के विभिन्न प्रमुखों से देश हित के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इनके नेतृत्व में भारत ने परमाणु परीक्षण किए और विकसित देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का डटकर मुकाबला किया।

 

 कलाम को राष्ट्रपति भवन के मुगल उद्यान के पेड़ पौधों से बेहद लगाव हो गया था लेकिन यह लगाओ उनके नैतिक मूल्यों और स्वाभिमान से बड़ा नहीं था। जब बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने के उनके फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अनुचित ठहराया तो उन्होंने इस्तीफा लिखने में देर नहीं लगाई लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री वाजपेई ने कहा कि कि यदि इस समय आपने ऐसा किया सुदेश अस्थिरता का शिकार हो जाएगा क्योंकि वाजपेई पहले ही गठबंधन की कठिनाइयों से जूझ रहे थे। 

किसी भी राष्ट्रपति के लिए नैतिक संकट का सवाल होता है जब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंड की सजा पाए व्यक्ति क्षमा याचना के लिए आवेदन करते हैं कलाम ने इन पर बारीकी से विचार किया और यह पाया कि अधिकांश मामलों में मृत्युदंड पाने वाले ऐसे व्यक्ति थे जो अपना बचाव प्रभावशाली ढंग से इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि उनके पास साधन नहीं थे। एक सजायाफ्ता व्यक्ति जिस पर लिफ्ट में बलात्कार का आरोप था की क्षमा याचना अर्जी को कलाम ने खारिज कर दिया।

 जब दूसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए उनसे सहमति मांगी गई तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि यदि सभी दल एकमत हों तभी वह इसे स्वीकार करेंगे। लेकिन क्योंकि उस समय सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी किसके पक्ष में नहीं थी तो उन्होंने विनम्रता पूर्वक चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

 

 कर्तव्य के प्रति कलाम इतने समर्पित थे कि जिस दिन उन्हें बोकारो में एक स्कूल में बच्चों के कार्यक्रम में जाना था तब उनका हेलीकॉप्टर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त होकर बिखर गया लेकिन कलाम और दोनों पायलट उसमें जीवित बच गए। देश में यह खबर आग की तरह फैल गई और उनके मोबाइल पर लगातार फोन आने लगे कलाम ने खुद को संभाला और अपना मोबाइल अपने सहायक को देकर बच्चों को संबोधित किया। 

 

हमने भारत की कृषि व्यवस्था को उन्नत बनाने पुलिस संगठन कथा जुडिशरी में सुधार करने से लेकर विकसित गांवों के मॉडल तक प्रस्तुत किए।

 

कलाम अपनी सफलताओं का श्रेय हमेशा अपने सीनियर्स को देते रहे। जब वह राष्ट्रपति भवन से विदा हुए तो उनके पास दो सूटकेस और 6 जोड़ी कपड़े थे किसी देश को ऐसा राष्ट्रपति सौभाग्य से ही मिलता है।

 

 

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