सीबीएसई ने स्कूलों में 'समग्र कौशल प्रयोगशालाओं' की स्थापना को अनिवार्य किया

स्कूलों को स्थापित करने होंगे स्किल लैब 

 

सीबीएसई ने स्कूलों में 'समग्र कौशल प्रयोगशालाओं' की स्थापना को अनिवार्य किया

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF-SE) के तहत, सीबीएसई ने 23 अगस्त 2024 को जारी परिपत्र संख्या स्किल्स-75 के माध्यम से, स्कूलों में 'समग्र कौशल प्रयोगशालाओं' की स्थापना को अनिवार्य कर दिया है। इन प्रयोगशालाओं का उद्देश्य कक्षा VI से XII तक के विद्यार्थियों के लिए सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के बीच के अंतर को पाटना है।

 

सीबीएसई ने इससे पहले मैथ्स लैब और ज्योग्राफी लैब को भी अनिवार्य किया हुआ है।

 

स्कूल या तो 600 वर्ग फीट क्षेत्रफल की एक समग्र कौशल प्रयोगशाला स्थापित कर सकते हैं, या फिर 400 वर्ग फीट क्षेत्रफल की दो अलग-अलग प्रयोगशालाओं की स्थापना कर सकते हैं। यह पहल विद्यार्थियों को उद्योग-सम्बद्ध कौशल से लैस करने, उनकी रोजगार संभावनाओं को बढ़ाने, और उद्यमिता क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

नवीनतम सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के लिए, इन प्रयोगशालाओं की स्थापना अनिवार्य है, जबकि पहले से संबद्ध स्कूलों को इसे स्थापित करने के लिए तीन वर्षों का समय दिया गया है। ये प्रयोगशालाएं विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने, और उन्हें विविध करियर मार्गों का अन्वेषण करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

 

कौशल विषयों की शिक्षा के लिए आवश्यक सामग्री सहित अन्य विवरण शीघ्र ही सीबीएसई वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। यह कदम कौशल शिक्षा को पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

 

ओंकार सिंह शेखावत

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