सेवानिवृत्ति भोज के उपरांत धन्यवाद
आदरणीय प्रिंसिपल, विद्वान् फैकल्टी मेंबर व स्टाफ के अन्य साथी।
आज के इस संक्षिप्त विदाई मिलन में आपकी उपस्थिति का धन्यवाद देना चाहती हूं।
आज से 25 वर्ष पहले मैंने यह यात्रा आरंभ की थी। हमारी कर्म-भूमि अपार ऊर्जा से भरी हुई युवा शक्ति है जो हमेशा एक उफनती हुई नदी के समान गतिशील रहती है। इसलिए यह समय बहुत तेजी से गुजरा। वर्ष किताब के पन्नों की तरह पलटते गए। कुछ वरिष्ठ सहयोगी विदा होते रहे और कुछ युवा साथी इस परिवार में सम्मिलित होते रहे।
इस प्रक्रिया में कुछ आप जैसे विद्वानों की संगति से और कुछ खट्टे मीठे अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिला। सामान्य तौर पर हम सभी लोग अपना अलग-अलग जीवन जीते हैं। लेकिन आज की यह सुनहरी दोपहर मुझे याद दिलाती है कि हम एक दूसरे के जीवन में भी कितना महत्व रखते हैं। इस पल को मैं सेवानिवृत्ति के रूप में नहीं देखती। मैं इसे एक नए जीवन का आरंभ समझती हूं। सेवानिवृत्ति नौकरी से होती है कार्य से नहीं हो सकती।
इस संक्षिप्त पार्टी में शामिल होने के लिए मैं आपका कृतज्ञ आभार व्यक्त करती हूं। धन्यवाद।