मृत्यु और सांत्वना

मृत्यु और सांत्वना 

 

मृत्यु, एक सीमांत, सभी जीवन का अदृश्य में विलय।  

मृत्यु को एक त्रासदी और रिहाई दोनों के रूप में देखा जा सकता है। यह एक ऐसा रहस्य है जिसे हम कभी भी पूरी तरह से नहीं समझ पाएंगे। 

 

मृत्यु हमें वर्तमान क्षण को महत्व देना, दूसरों के साथ अपने संबंधों को संजोना और जीवन में वास्तव में मायने रखने वाली चीजों की तलाश करना सिखाती है।

 

दुनिया भर में शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना जताने की परंपरा है। यदि मृत्यु असामयिक है तो परिवार को संभलने में भी समय लगता है। ऐसे समय में लोगों की संवेदना मरहम का काम करती है।

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